ज़िन्दगी को देखने का अलग नज़रिया ज़िन्दगी को देखने का अलग नज़रिया
कुछ फिर दरका, कुछ टूटा और फिर टीस वही पुरानी। कुछ फिर दरका, कुछ टूटा और फिर टीस वही पुरानी।
सिटकनी अन्दर से चढ़ाकर सामने ही रखी हुई आश्रम से मिली हरी किनारी वाली पीली साड़ी उठा ली। सिटकनी अन्दर से चढ़ाकर सामने ही रखी हुई आश्रम से मिली हरी किनारी वाली पीली साड़ी उ...
ई भी इस्तमाल कर लो,क्या फर्क पडता है । इसी संवाद के साथ हमारा सुहाना सफर संपन्न हो गया ई भी इस्तमाल कर लो,क्या फर्क पडता है । इसी संवाद के साथ हमारा सुहाना सफर संपन्न ...
संवाद दो तरह के हो सकते हैं। एक संवाद होता है निष्प्रयोजन। दूसरा संवाद प्रयोजन से! संवाद दो तरह के हो सकते हैं। एक संवाद होता है निष्प्रयोजन। दूसरा संवाद प्रयोजन स...
केवल कुंवारियों के दिल ही नहीं मचले बल्कि कई सूरमाओं की पेशानियां भी फड़कीं ! केवल कुंवारियों के दिल ही नहीं मचले बल्कि कई सूरमाओं की पेशानियां भी फड़कीं !